दत्त मंदिर मे भक्त निवास का लोकार्पण | 68 वां श्रीदत्त मूर्ती प्राणप्रतिष्ठा समारोह आयोजित

जबलपुर। आंतरिक ऊर्जा को जगाने के लिए गुरु की शरण में जाना चाहिए। वर्तमान परिस्थितियों से गुजरते हुए युवाओं में अवसाद आ रहा है जिससे वे आत्म घातक कदम उठा रहे हैं। बालपन से दैनिक क्रियाकलापों में नियमित भगवत आराधना करनी चाहिए जिससे सांसारिक जीवन में आने वाले कष्टों और अवरोधों से निपटने की आत्म शक्ति जागृत होती है। गुरु आज्ञा से ही श्रीराम ने धनुष भंग किया था इसलिए गुरु के सानिध्य रहना चाहिए। निस्वार्थ भाव से सेवा करना चाहिए। मिथ्या और वैचारिक मतभेद से दूर रहना चाहिए।

मानव में मानवता का जागरण आवश्यक है उक्त उद्गार अण्णा साहेब ने दत्त मंदिर गोलबाजार में 68 वें स्थापना महोत्सव में कहे।

संस्था के सचिव शरद आठले ने बताया की दत्तात्रय मूर्ति का 68 वां प्राणप्रतिष्ठा समारोह में आयोजित श्री सत्य दत्त पूजा मुख्य यजमान डॉ डी यू पाठक व अन्य 15 दत्त भक्तों द्वारा की गई । धार्मिक संकल्प के साथ नवनिर्मित भक्त निवास का लोकार्पण किया गया.

इस अवसर पर रंजना वर्तक ,स्नेहा आठले,मनीषा भावे,विद्या वैद्य,श्रीपाद परांजपे विजय तैलंग,मनोज हर्डीकर का विशेष सहयोग रहा। कार्यक्रम का संचालन अध्यक्ष विजय भावे द्वारा किया गया।

कार्यक्रम का इस अवसर पर डॉ स्वाति सदानंद गोडबोले, डॉ. अर्चना मुठे डॉ. माणिक पान्से, सदानंद गोडबोले, अभय गोरे, विश्वास पाटणकर, मनीष वैद्य, मुरलीधर पाळंदे, डॉ . तनखीवाले ,प्रमोद पाठक , विध्येश भापकर मुख्य रूप से उपस्थित थे. महाआरती तथा प्रसाद वितरण से कार्यक्रम का समापन किया गया.

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