जबलपुर। भाई बहन के पवित्र बंधन और स्नेह के प्रतीक पर्व रक्षाबंधन को अब तीन दिन शेष है। शनिवार 09 अगस्त को रक्षाबंधन का पर्व परंपरानुसार मनाया जा रहा है। बाजारों में ग्राहकों की भीड़ उमड़ पड़ी है। व्यापारी और ग्राहकों में खासा उत्साह है। लेकिन मंहगाई की मार से व्यापारी भी परेशान हैं और ग्राहक भी। राखी, रूमाल और कपड़ों से लेकर मेवा मिष्ठान के दाम भी 20 से 40 प्रतिशत तक बढ़े हैं। मंहगाई ने मीठे की मिठास को कम कर दिया है तो वहीं त्यौहारों के उत्साह और उमंग को औपचारिकता में तब्दील कर दिया है। इससे बाजारों को जोरदार ग्राहकी नहीं मिल पा रही है। अलवत्ता चूड़ी, बिंदी और सौदर्य प्रसाधन की अच्छी खरीददारी ब्राण्डेड कपड़ों की खरीददारी ने लोगों को आंशिक राहत दे रखी है।
साल दर साल महंगाई बढ़ती जा रही है। औसत मध्यम आय वर्गीय परिवारों के लिए रोजमर्रा की जरूरतें पूरी करने मे मुश्किलें हो रही है। त्यौहारों के वक्त ये मुश्किल और बढ़ जाती है। बहरहाल त्यौहार लोग मनाते ही है और खरीदारी करते ही है। कोई एडवांस लेकर तो कोई उधार लेकर।
नगर के प्रतिष्ठित मिष्ठान विक्रेता न्यू इंदौर सेव भंडार के संचालक कैलाश साहू और दीपक साहू ने बताया कि मावा और ड्राय फूट्स से निर्मित मिठाईयों के दाम लगातार बढ़ रहे है। लिहाजा मैदा और बेसन से बनी मिठाइयों के साथ-साथ आम लोगों में चाकलेट का चलन बढ़ा है। त्यौहारों के वक्त जरूर उत्साह में लोग अपनी सामर्थ के अनुसार पसंद का ख्याल रखते है। खासतौर से मावा से बनी मिठाइयों में काजू कतली, काजू अंजीर, काजू सीताफल, काजू कलश आदि मिठाइयां 1 हजार से 12 सौ से हजार रूपये किलो तक बिक रही है। जबकि खोवे की बर्फीयां 480 रुपए किलो से कम नहीं है। तेल और बेसन के दाम बढ़ने से नमकीन के रेट भी बढ़े है। दीपक साहू का कहना है कि उन्होंने हर वर्ग के लोगों का ख्याल रखते हुए सबकी हैसियत के मुताबिक अपने शो-रूम के काउंटर में मिठाइयां उतारी। इनमें मलाई टिक्की, संगम बर्फी स्पेशल मोतीचूर के लड्डू, मावा डोडा और नारियल लड्डू छैना रोल, बालूशाही मगज के लड्डू आदि शामिल है।
