जबलपुर। मंगलवार को जिले में नागपंचमी मनाई गई, श्रृध्दालुओं ने पूजन अर्चन किया। वहीं दूसरी तरफ सांपों पर अत्याचार न हो इसके लिये वन विभाग का अमला टीमें बनाकर पूरे जिले में सक्रिय रहा। सबसे अधिक सतर्कता जबलपुर के ग्रामीण इलाकों में बरती गई। रेलवे स्टेशन, बस स्टैंड सहित सिहोरा, कटंगी, मझौली पाटन बरगी में टीमें सक्रिय रहीं। सपेरों को पकड़ने वन विभाग ने रेंज स्तर पर अलग-अलग टीमें बनाई हुई हैं। शाम तक गश्ती दल ने करीब 21 सपेरों का दबोच लिया था, जिनसे 58 सर्प पकड़े गए और उन्हें मुक्त कराया गया।
वन परिक्षेत्र अधिकारी अपूर्व शर्मा ने बताया गया है कि इन सपेरों के पास से 51 कोबरा प्रजाति के और 7 धवन प्रजाति के सर्प पकड़े गए| कुल 58 सर्पों को सपेरों के कब्जे से मुक्त कराया गया| उन्होंने बताया कि वन विभाग की लगातार की जा रही कार्रवाई के चलते सपेरों की संख्या में पिछले वर्षों के मुकाबले कमी आई है। लोगों में भी काफी जागरूकता आयी है। इस वर्ष वन सुरक्षा समिति एवं ग्राम वन समितियों का सहयोग लेकर उडनदस्ता दल को और प्रभावी बनाया गया है। उन्होंने बताया कि इस दौरान सर्पों को पकड़ना एवं उनका प्रदर्शन भारतीय वन्यप्राणी संरक्षण अधिनियम 1972 के तहत अपराध है। इसकी धाराओं एवं उपधाराओं का उल्लंघन करने पर सख्त सजा का प्रावधान है। सपेरों द्वारा सर्पों को पकडने के दौरान सर्प घायल हो जाते हैं उनका विषदंत तोड़ने से वे अपनी रक्षा नहीं कर पाते है जिसके कारण कई सर्पों की मृत्यु भी हो जाती है। सर्पों को पकडने एवं प्रदर्शन करने लिए किसी व्यक्ति वो उकसाना भी समतुल्य अपराध की श्रेणी में आता है। वन विभाग के क्षेत्रीय कर्मचारियों द्वारा आमजनों को समझाईश दी जा रही है।
