Uncategorized

प्रदेश के विद्युत सबस्टेशनों में कैपेसिटर बैंक स्थापित, गुणवत्तापूर्ण विद्युत आपूर्ति के लिए एमपी ट्रांसको का बड़ा कदम

जबलपुर। उपभोक्ताओं को मानक वोल्टेज पर गुणवत्तापूर्ण विद्युत आपूर्ति उपलब्ध कराने की दिशा में मध्यप्रदेश पावर ट्रांसमिशन कंपनी (एमपी ट्रांसको) ने उल्लेखनीय सफलता हासिल की है। कंपनी के जबलपुर मे छह सब स्टेशनों सहित प्रदेश के 417 सबस्टेशनों में से 412 पर विभिन्न क्षमताओं के कैपेसिटर बैंक सक्रिय है। ऊर्जा मंत्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ने एमपी ट्रांसको की इस उपलब्धि की सराहना करते हुए कहा कि कैपेसिटर बैंकों की व्यवस्था से प्रदेशवासियों को उच्च गुणवत्ता और स्थिर वोल्टेज पर बिजली आपूर्ति संभव हो रही है।

जबलपुर के छह सब स्टेशनों में कैपेसिटर बैंक…….

एमपी ट्रांसको के मुख्य अभियंता अमर कीर्ति सक्सेना ने बताया कि मुख्यालय जबलपुर में भी इस दिशा में महत्वपूर्ण कदम उठाए गए हैं। शहर के छह एक्स्ट्रा हाई टेंशन सबस्टेशनों पर कुल 96 एम व्ही एआर, क्षमता के कैपेसिटर बैंक स्थापित हैं। इनमें 220 के व्ही सबस्टेशन नयागांव जबलपुर मे 24 एम व्ही एआर, 220 के व्ही सबस्टेशन गोराबाजार में 12 एम व्ही एआर,220 के व्ही सबस्टेशन पनागर मे 12 एम व्ही एआर,220 के व्ही सबस्टेशन सूखा मे 12 एम व्ही एआर, 132 के व्ही सबस्टेशन माढोताल मे 12 एम व्ही एआर, 132 के व्ही सबस्टेशन व्हीकल फैक्ट्री जबलपुर मे 24 एम व्ही एआर, के कैपेसिटर बैंक सक्रिय हैं।

प्रदेश मे कुल 751 कैपेसिटर बैंक……………

प्रदेश स्तर पर एमपी ट्रांसको के कुल 751 कैपेसिटर बैंक सक्रिय हैं। इनमें 220 केवी सबस्टेशनों पर 145 केवी स्तर के 32 कैपेसिटर बैंक तथा 132 केवी सबस्टेशनों पर 36 केवी स्तर के 719 कैपेसिटर बैंक शामिल हैं। इनकी संयुक्त स्थापित क्षमता 9278.5 एमवीएआर है, जिसके माध्यम से उपभोक्ताओं को स्थिर और गुणवत्तापूर्ण बिजली आपूर्ति सुनिश्चित की जा रही है।

52 पुराने केपेसिटर बैंको को बदला गया………

कंपनी ने 52 पुराने कैपेसिटर बैंकों की पहचान भी की है, जिनकी समयावधि पूरी हो चुकी है और जो अपेक्षित कैपेसिटिव लोड देने में सक्षम नहीं रह गए हैं। मुख्य अभियंता श्री सक्सेना ने बताया कि इन स्थानों पर अधिक क्षमता वाले कैपेसिटर बैंकों की स्थापना कर उनकी प्रतिस्थापना और क्षमता वृद्धि का कार्य तेज गति से किया जा रहा है।

क्यों जरूरी है कैपेसिटर बैंक………

सबस्टेशनों से विद्युत आपूर्ति के दौरान अक्सर पावर ट्रांसफार्मर्स पर इंडक्टिव लोड बढ़ जाता है, जिससे वोल्टेज में गिरावट आती है और बिजली की गुणवत्ता प्रभावित होती है। कैपेसिटर बैंक अपने कैपेसिटिव लोड के माध्यम से इस प्रभाव को संतुलित करते हैं। इससे पावर फैक्टर में सुधार होता है और उपभोक्ताओं को मानक वोल्टेज पर विश्वसनीय एवं गुणवत्तापूर्ण विद्युत आपूर्ति सुनिश्चित होती है।

Related Articles

Back to top button