जबलपुर। अभी तक गर्मी के सीजन में दूध के दाम बढ़ते आए है, जब लस्सी, दही, पनीर और अन्य उत्पादों में दूध की खपत बढ़ती थी, लेकिन अब दूध माफिया शुद्ध मुनाफाखोरी पर उतर आया है| त्यौहारों में छेने और खोवे की मिठाईयों में दूध की खपत बढ़ जाने से डेयरी वालों ने ज्यादा मुनाफा कमाने के तहत 1 अगस्त से दूध के दाम तीन रुपए प्रतिलीटर बढ़ा दिए है वहीं कुछ डेयरी वालें दूध को 75 लीटर बेचने पर दबाव बना रहे हैं| नागरिक उपभोक्ता मंच सहित विभिन्न संगठनों ने जिला कलेक्टर से इस मामलें में हस्तक्षेप करने की मांग की है| उपभोक्ता मंच के अध्यक्ष डॉ पीजी नाजपांडे ने बताया कि उन्होंने कलेक्टर से डेयरी संचालकों से बैठक आयोजित कर दूध के दाम नियंत्रित करने का आग्रह किया है|
नागरिक उपभोक्ता मार्गदर्शक मंच, भारतीय वरिष्ठ नागरिक एसोसिएशन, महिला समिति, मानव अधिकार संगठन, सीनियर सिटीजन वेलफेयर संघ, पेंशनर समाज आदि जनसंगठनों ने कलेक्टर दीपक सक्सेना से मांग की है कि पूर्व में भी कलेक्टर ने डेयरी वालों की बैठक आयोजित कर दूध के रेट पर नियंत्रण किया था|
दूध रेट की मॉनिटरिंग हो…………..
डॉ. पीजी नाजपांडे ने बताया कि उनके द्वारा सुप्रीम कोर्ट तथा हाईकोर्ट में दूध रेट के सिलसिले में दायर याचिकाओं में सरकार अंडरटेकिंग दी है कि दूध के रेट्स की मॉनिटरिंग करेंगे| इससे स्पष्ट हो जाएगा कि जबलपुर में वर्तमान में बढ़ाए गए रेट गलत हैं तथा वे बहुत ही ज्यादा है|
दूध रेट बढ़ोत्तरी तथा मिलावट के खिलाफ आंदोलन………..
जनसंगठनों ने घोषणा की, कि यदि शीघ्र ही ठोस कार्रवाई नहीं होगी तो दूध के दामों में वृद्धि और मिलावट के खिलाफ आंदोलन किया जायेगा|
विभिन्न संगठनों की ओर से टीके रायघटक, डीके सिंह, संतोष श्रीवास्तव, सुशीला कनौजिया, गीता पांडे, माया कुशवाहा, उमा दाहिया, अर्जुन कुमार, दिलीप कुंडे, एड.जीएस सोनकर, हरजीवन विश्वकर्मा, अशोक नामदेव, डीआर लखेरा, पीएस राजपूत, लखन लाल प्रजापति, नंदकिशोर सोनकर, राममिलन शर्मा आदि ने दूध के दामों में वृद्धि का विरोध किया है|