जबलपुर। शहर की सब्जी मंडियों के हाल बुरे हैं| चाहे निवाड़गंज सब्जी मंडी हो, चाहे अधारताल सब्जीमंडी हो,गोहलपुर सब्जीमंडी, गोरखपुर सब्जीमंडी हो, सब जगह बुरे हाल है| कछपुरा फाटक के पास सड़क पर ही सब्जी मंडी लग रही हैं| सबसे बुरे हाल तो निवाड़गंज सब्जी मंडी के हैं| जिस मोड़ से प्रवेश करो उस मोड़ पर ही सड़कों पर दुकान सजी है| ऐसे में न केवल सब्जी खरीददारी करने वालों को जाने में परेशानी होती हैं बल्कि मंडी पर आवार पशुओं के विचरण करने से दुर्घटना भी हो जाती है| यहां दुकानदारों को चबूतरे अलॉट है लेकिन पूरी मंडी में दोनों तरफ 5-5 फुट का कब्जा व्यापारी कर रखे है|
ग्राहकों को बीच रोड में अपने वाहन खड़े करना पड़ता है| शंकर घी भंडार से मंडी के कमानिया गेट तक चना, मूंगफली, वालें आदि सड़क तक दुकान लगाए हुए है दूसरी तरफ गल्लामंडी से सामने वाली लाईन में जिस गली में प्रवेश करो उस गली में कमोबेश यही स्थिति बनी हुई है| मजे की बात यह है कि नगर निगम का जोन कार्यालय 4 कदम की दूरी पर है| जोन कार्यालय के कर्मचारी यहां खरीददारी के लिए जाते है पर उन्हें समस्या नहीं दिखती, मुफ्त की सब्जी भाजी लेकर जनता को उसके हाल पर छोड़ देते हैं|
न व्यापारी सुधर रहे है न ही व्यवस्था सुधर रही है| लटकारी पड़ाव सब्जी मंडी के और बुरे हाल है| चारों तरफ अराजकता फैली हुई है| आवार पशु मल्ल युद्ध करते देखे जाते है| सड़कों पर लगी सब्जी भाजी की टोकरी के पास पहुंचते ही उन्हें लाठी से हकेला जाता है तो वे किसी न किसी वाहन सवार पर हमला कर देते है जिससे दुर्घटनाएं होती है| इसके बावजूद जिम्मेदार लोग हाथ पर हाथ धरकर बैठे है|