Jabalpur Mausam Update: अच्छी बारिश की कामना से वरुण देव की आराधना शुरू, 21 जून से मानसून के सक्रिय होने की संभावना

जबलपुर। भीषण गर्मी से परेशान शहरवासियों की नजरें अब आसमान की ओर टिकी हैं, जहां बादलों के आने की आस के साथ धार्मिक आस्थाएं भी जुड़ गई हैं। संस्कारधानी जबलपुर में मानसून की दस्तक से पहले हर वर्ष की तरह इस बार भी वरुण देव और इंद्र देव के पूजन की परंपरा निभाई जा रही है। वैदिक पंडितों से लेकर धार्मिक और नगर निगम संगठनों तक, सभी अच्छी वर्षा की प्रार्थना में जुट गए हैं।

नगर निगम की ओर से खंदारी जलाशय में विधिवत पूजन संपन्न किया गया, वहीं नगर पंडित सभा ने भी त्रिमूर्ति नगर स्थित बाला दुर्गा मंदिर में विशेष वैदिक अनुष्ठान के माध्यम से वरुण देवता का आह्वान किया। इस पूजन में वासुदेव शास्त्री, कामता तिवारी, अतुल चतुर्वेदी, शैलेंद्र तिवारी, आशुतोष दीक्षित, अखिलेश त्रिपाठी, दीपू तिवारी और बालमुकुंद पौराणिक सहित कई धर्मगुरु उपस्थित रहे।


तीन दिन बीत चुके, आषाढ़ में अब भी नहीं बरसे बादल

आषाढ़ मास लगे हुए तीन दिन हो चुके हैं, लेकिन आसमान से राहत की बौछार अब तक नहीं आई। सूरज की तपिश और उमस ने आमजन को बेहाल कर रखा है। हालांकि शनिवार की रात कुछ इलाकों में हल्की बूंदाबांदी जरूर हुई, जिससे उम्मीदें जगीं, पर रविवार सुबह फिर से वही चिलचिलाती धूप लौट आई। शाम को चली ठंडी हवाओं ने कुछ राहत दी, लेकिन बारिश अब भी दूर है।


ज्योतिषीय संकेत: 21-22 जून से सक्रिय हो सकता है मानसून

ज्योतिषाचार्य सचिनदेव महाराज के अनुसार, इस बार 21 और 22 जून को वर्षा योग बनने के मजबूत संकेत हैं। उस दौरान वृष राशि में चंद्रमा, और मंगल का कर्क से सिंह राशि में गोचर, इसके बाद 24 जून को बुध का कर्क राशि में प्रवेश — ये सभी घटनाएं बारिश लाने वाले शुभ ग्रह योग निर्मित कर रही हैं।

इन ग्रहों की युति मानसून को सक्रिय करने के लिए अनुकूल मानी जा रही है। ज्योतिषाचार्य ने बताया कि 30 जून को मघा नक्षत्र में प्रवेश के साथ मध्यभारत में मानसून पूरी तरह सक्रिय हो सकता है। यदि ये ग्रह योग प्रभावी रहे, तो इस वर्ष अच्छी और निरंतर वर्षा की प्रबल संभावना है।


सावन में भी रह सकता है झमाझम बारिश का दौर

ग्रह-नक्षत्रों के अनुसार, इस बार का सावन मास, जो 11 जुलाई से शुरू हो रहा है, विशेष रूप से वर्षा-प्रधान रहेगा। इस अवधि में कई महत्वपूर्ण ग्रहों का राशि परिवर्तन और नक्षत्रों की युति होगी, जो झमाझम बारिश का संकेत दे रही है। बीते वर्षों की तुलना में इस बार मध्यप्रदेश के कई जिलों में सामान्य से अधिक वर्षा हो सकती है।


वर्षा नहीं सिर्फ राहत नहीं, बल्कि ज़रूरत भी

सिर्फ जबलपुर ही नहीं, बल्कि पूरे मध्यप्रदेश के लिए मानसून का सक्रिय होना न केवल मौसम से राहत की बात है, बल्कि खेती-किसानी, जल-संरक्षण और जनजीवन की स्थिरता के लिए भी अत्यंत आवश्यक है। बीते वर्षों में मानसून की असमानता ने जलाशयों पर दबाव बढ़ाया है और किसानों की उम्मीदें अधूरी रह गई हैं।

इस बार की ग्रह स्थितियों और धार्मिक पूजन से आशाएं बंधी हैं कि वरुण देव प्रसन्न होंगे और वर्षा से सूखे मन और धरती को भी तर कर देंगे।

Leave a Comment

WhatsApp