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डीजे के शोर के आगे सारे आदेश निर्देश बेबस, बुर्जुगों और हृदय रोगियों के साथ नवजात शिशुओं के लिए शोर घातक

जबलपुर। नवरात्रि और दशहरा का महापर्व शुरू हो चुका है। शहर से लेकर ग्रामीण अंचलों तक भक्ति और उत्साह का माहौल है। लेकिन हर साल की तरह इस बार भी डीजे के शोर का मुद्दा चर्चा के केंद्र में है। हाईकोर्ट से लेकर सुप्रीम कोर्ट तक डीजे और तेज आवाज वाले साउंड सिस्टम को लेकर स्पष्ट दिशा-निर्देश दिए जा चुके हैं, बावजूद इसके आयोजकों की मनमानी के कारण स्थिति जस की तस बनी हुई है।

एक्सपर्ट कह चुके हैं कि डीजे का शोर हृदय रोगियों, बुजुर्गों, नवजात शिशुओं और कमजोर बच्चों के लिए गंभीर खतरा है। यही कारण है कि हर त्योहार से पहले शांति समिति की बैठकों में इस मुद्दे पर चर्चा होती है और प्रशासन आश्वासन देता है कि सख्ती बरती जाएगी। लेकिन जमीनी हकीकत कुछ और ही बयां करती है। इस बार भी आयोजकों की मनमानी जारी है, डीजे का शोर त्योहार के उत्साह में बाधा डाल रहा है.

इस बार नहीं हुई तैयारी …

आमतौर पर प्रशासन हर साल डीजे संचालकों की बैठक बुलाकर उन्हें दिशा-निर्देश देता है, लेकिन इस बार वह औपचारिकता भी पूरी नहीं की गई। नतीजा यह है कि कई आयोजक और डीजे संचालक बिना रोक-टोक के तेज आवाज में ध्वनि प्रदूषण फैला रहे हैं।

समस्या की जड़ पर चोट आवश्यक …

विशेषज्ञों का मानना है कि सिर्फ आश्वासन से समस्या का समाधान संभव नहीं है। डीजे संचालकों पर सीधे सख्ती बरतने की जरूरत है। अनुमति पत्र के बिना किसी भी आयोजन में डीजे न बज सके, यह सुनिश्चित करना होगा। साथ ही, साउंड सिस्टम में ऐसा प्रावधान होना चाहिए कि निर्धारित डेसीबल से ज्यादा की ध्वनि पैदा ही न हो। न रहेगी बांस, न बजेगी बांसुरी की तर्ज पर तकनीकी समाधान लाना जरूरी है।

निगरानी और कार्यवाही का अभाव …

कई बार प्रशासन ने कहा है कि दो से ज्यादा साउंड बॉक्स बजते दिखें तो उनकी फोटो-वीडियो बनाकर कार्यवाही की जाएगी। मगर त्योहार बीतने के बाद ऐसे वादे ठंडे बस्ते में चले जाते हैं। यही वजह है कि डीजे संचालकों का हौसला बढ़ता जा रहा है।

समाज व आयोजकों की भी जिम्मेदारी………

डीजे के बेजा इस्तेमाल पर अंकुश केवल प्रशासन के बूते संभव नहीं। इसके लिए जनप्रतिनिधियों, आयोजकों और समाज को भी आगे आना होगा। धार्मिक, सांस्कृतिक और राजनीतिक आयोजनों में ध्वनि प्रदूषण रोकने की जिम्मेदारी सभी की है। आखिरकार यह मामला सीधे जनहित और सार्वजनिक स्वास्थ्य से जुड़ा है।

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