जबलपुर, (ईएमएस)। देश के सबसे बड़े किसान संगठन भारतीय किसान संघ के अखिल भारतीय अध्यक्ष के साईं रेड्डी ने भारत अमेरिका व्यापार समझौता टेरिफ पर उत्पन्न स्थिति पर अपना मत स्पष्ट करते हुए कहा कि किसान संघ ने देश के किसानों की राय को केंद्र सरकार को अवगत करा दिया था। जिसमें प्रमुख तौर पर कृषि क्षेत्र में जीएम बीज व उनके उत्पाद, डेयरी क्षेत्र, मत्स्यपालन क्षेत्र में अमेरिकी कंपनियों को अनुमति न देने बात कही गई थी। जिस पर एम. एस. स्वामीनाथन शताब्दी अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन के अवसर पर गुरुवार को आईसीएआर में आयोजित हुए कार्यक्रम में किसान हित में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कृषि, डेयरी व मत्स्यपालन क्षेत्र में अमेरिका को अनुमति नहीं देने के भारत सरकार के साहसिक निर्णय की जानकारी दी। भारतीय किसान संघ के अखिल भारतीय प्रचार प्रमुख राघवेन्द्र सिंह पटेल द्वारा जारी विज्ञप्ति में भारतीय पारंपरिक व जैविक कृषि को बढ़ावा देने वाले प्रधानमंत्री के वक्तव्य का भारतीय किसान संघ ने स्वागत किया है।
विनाश काले विपरीत बुद्धि…….
किसान संघ के अध्यक्ष के साईं रेड्डी ने अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रम्प द्वारा भारत पर लगाये टैरिफ को विनाश काले विपरीत बुद्धि की संज्ञा दी। श्री रेड्डी ने कहा कि इस टैरिफ बार से भारत को कोई खास हानि नहीं है बल्कि इससे भारत के स्वःउद्योगों के विकास के साथ स्वदेशी सामानों की खपत बढ़ेगी। हम खाद्यान्न फसलों के उत्पादन में आत्मनिर्भर है। भारत कृषि प्रधान देश है, कृषि के माध्यम से 46 प्रतिशत रोजगार व देश की 18 प्रतिशत जी.डी.पी कृषि क्षेत्र से आती है। जिसका देश को विकसित भारत बनाने में अहम भूमिका हैं।
देश का किसान सरकार के साथ…..
हाथकरघा दिवस पर हैंडलूम कुटीर उद्योग को प्रोत्साहित करने की बात प्रधानमंत्री ने कहकर दुनिया और अपने देश के 140 करोड़ जनता को संदेश देते हुए कहा कि अपने देश के किसानों के हितों की सुरक्षा उनकी सर्वोच्च प्राथमिकता है। उन्होंने कहा कि किसान, पशुपालक व मछुआरो के हितों के साथ कोई भी व्यापार समझौता नहीं किया जाएगा। जिस पर किसान संघ ने अपना समर्थन व्यक्त करते हुए कहा कि दुनिया में इस जटिल परिस्थिति के बीच देश का किसान सरकार की लड़ाई के साथ सतत् खड़ा रहेगा।
अमेरिकन उत्पादों के बहिष्कार पर विचार……….
सभी अमेरिकन कंपनियां जो खाद, बीज व कीटनाशक का व्यापार भारत में करती हैं। उनके उत्पादों के बहिष्कार की योजना पर भारतीय किसान संघ विचार कर रहा है। जिसके अंतर्गत शीघ्र ही किसानों से अमेरिकन कृषि आदान सामग्री के बहिष्कार करने के आह्वान की घोषणा की जा सकती है और स्वदेशी कृषि आदान सामग्री किसानों से क्रय करने को कहा जा सकता है।