सुबह से शाम तक चला इंजीनियरों का ध्यानाकर्षण प्रदर्शन
प्रदेश भर में विद्युत अभियंताओं ने किया धरना प्रदर्शन आंदोलन

जबलपुर। पदोन्नति सहित अन्य मांगों को लेकर विद्युत इंजीनियरों द्वारा मध्य प्रदेश विद्युत मंडल पत्रोपाधी अभियंता संघ द्वारा प्रदेश भर में ध्यानाकर्षण धरना प्रदर्शन का आयोजन कर मुख्यमंत्री व उर्जा मंत्री के नाम ज्ञापन स्थानीय अधिकारियों को सौंपे गये. सुबह 10 से शाम 4 बजे तक प्रदेश भर में यह धरना प्रदर्शन चलता रहा. जबलपुर में बिजली कंपनियों के मुख्यालय शक्तिभवन के गेट के समक्ष यह प्रदर्शन किया गया. पत्रोपाधी अभियंता संघ के महासचिव इंजीनियर जीके वैष्णव ने बताय की मध्य प्रदेश विद्युत मंडल की सेवाओं में 30 से 35 वर्ष की सेवा होने के बाद भी जूनियर इंजीनियरों को एक भी पदोन्नती नहीं दी जा रही है. वहीं दूसरी ओर सहायक यंत्री के पद पर नियुक्त अभियंताओं को सेवाकाल में चार पदोन्नति देकर कार्यपालक निदेशक बनाया जा रहा है. इस असमानता को तत्काल दूर करने के लिये वरिष्ठ जेई को कार्यपालन यंत्री बनाया जाए. सहायक यंत्री का एंट्री का लेवल समाप्त कर सहायक यंत्री के पदों को शत प्रतिशत पदोन्नति से भरा जाए.
उन्होंने आगे बताया की पूर्व से कार्यरत कनिष्ठ यंत्रियों को अधिक्षण यंत्री के पद पर 40 प्रतिशत कोटो आरक्षित कर प्रथक पदोन्नती प्रणाली बनाई जाए. मुख्यमंत्री द्वारा राज्य शासन के कर्मियों को 35 वर्ष पूर्ण करने पर चतुर्थ उच्च वेतनमान दिया जा रहा है. जबकी बिजली कंपनियों द्वारा स्वयं के नियम बनाकर कंडिका द्वारा की शर्त लिखे जाने से तृतीय उच्च वेतन मान के बाद 5 वर्ष पूर्ण होने की शर्त लिखे जाने से 35 वर्ष से अधिक की सेवा होने के बाद भी मात्र 50-60 जूनियर इंजीनियरों को चतुर्थ उच्च वेतनमान का लाभ नहीं मिल पा रहा है. लिहाजा कंडिका 11 को विलोपित किये जाने की मांग की गई है.
इसी प्रकार बिजली कर्मियों के द्वार सविदा को समान कार्य करने के बाद भी नियमित कनिष्ठ यंत्री नहीं बनाया जा रहा है. उन्हें नियमित भरी में 50 प्रतिश का लाभ देकर नियुक्तियां देने की मांग की गई है.
बिजली कंपनियों द्वारा वर्ष 2018 के बाद नई भर्तियों में जूनियर इंजीनियरों का वेतनमान एवं ग्रेड पे कम कर दिया गया है. इसे बढ़ाकर 41 सौ किया जाए.
प्रदर्शन में सबसे अधिक आपत्ति इस बात पर जताई गई की बिजली कंपिनयों में कार्यरत कनिष्ठ, सहायक यंत्रियों के विरुध्द पुलिस विभाग द्वारा बिना जांच कर धारा 304-ए के बाद बीएनएस की धारा 106 के तहत एफआईआर दर्ज की जा रही है. जबकी बिजली कंपनियों द्वारा न तो मेंटीनेंस मटेरियल दिया जा रहा है, न तकनीकी स्टाफ उपलब्ध कराया जा रहा है.
लिहाजा नामजद एफआईआर के बजाये पदनाम पर एफआईआर की जाए. इन्हीं सब मांगों को लेकर इंदौर में जीके वैष्णव, भोपाल में केके आर्या, जबलपुर में डीके चतुर्वेदी तथा अशोक जैन इंजीनियर के नेतृत्व ध्यान आकर्षण प्रदर्शन किया गया. इस प्रदर्शन में अनिल व्यास इंदौर, एमएम पांडे रीवा, आरके अरजरिया सागर, वीपी सिंह सागर, बीके गुप्ता शहडोल, सतेन्द्र सिंह मलिक भोपाल, जीतेन्द्र वर्मा जबलपुर ने प्रदर्शन सभा को संबोधित किया. इस अवसर पर युवा इंजीनिय भास्कर घोस इंदौर, अमर सिंह सोलंकी इंदौर, कमलेश टाले इंदौर, सत्यजीत कुमार उज्जैन, शशिरंजन उज्जैन, सौरभ सिंह भदोरिया ग्वालियर, नृपेन्द्र सिंह जबलपुर, योगेश दरवाइ खंडवा, रीतेश झारिया खंडवा आदि इंजीनियरों ने भी अपने अपने जिलों में सभा संबोधित की.