मध्यप्रदेश विधानसभा का शीतकालीन सत्र

ई रिक्शा के अनियंत्रित संचालन पर विधायक डॉ अभिलाष पाण्डेय ने सदन में किए सवाल,

भोपाल, ।जबलपुर उत्तर मध्य विधानसभा के विधायक डॉ अभिलाष पाण्डेय मध्यप्रदेश विधानसभा के शीतकालीन सत्र में जनहित से जुड़े अनेक मुद्दे और समस्याओं को विधानसभा में लगातार उठा रहे हैं, इसी क्रम में गुरुवार को डॉ पाण्डेय ने अनियंत्रित ई रिक्शा के संचालन को लेकर विधानसभा में प्रश्न किए एवं इसके सुविधा का अव्यवस्था में बदलने की स्थिति से बचाने के लिए इसके संचालन और निगरानी, नियमानुसार संचालन को लेकर कड़ाई से कार्य करने का अनुरोध किया।
विधायक डॉ अभिलाष पाण्डेय ने जबलपुर उत्तर मध्य विधानसभा के शहर के सबसे व्यस्त व्यावसायिक क्षेत्र में होने वाली ट्रैफिक की समस्या को ध्यान में रखकर निरंतर इसमें सुधार करने और अनियंत्रित संचालन को लेकर चिंता व्यक्त की।

विधायक डॉ अभिलाष पाण्डेय ने विधानसभा में प्रश्न के माध्यम से मध्यप्रदेश सरकार से पूछा कि विगत सत्र में भी अव्यवस्थित ई रिक्शा को लेकर मैने सदन में प्रश्न किया था जिसके जवाब में बताया गया था कि ई रिक्शा की कलर कोडिंग और रूट निर्धारण किया जा रहा है विधायक डॉ पाण्डेय ने मंत्री महोदय से अब तक किए गए कलर कोडिंग,वाहनों की नंबरिंग,संचालित वाहनों की वास्तविक संख्या,पंजीकरण , लाइसेंस एवं चालकों के सत्यापन, प्रशिक्षण की व्यवस्था तथा अब तक इसके विरुद्ध हुई कार्यवाही और आगे इसके व्यवस्थित संचालन हेतु प्रशासन की योजना पर जवाब मांगा।

जिसके जवाब में परिवहन मंत्री राव उदय प्रताप सिंह ने बताया कि 30 जुलाई तक की स्थिति में जबलपुर शहर में कुल 4815 ई रिक्शा वाहनों की कलर कोडिंग एवं नंबरिंग की गई है, जबलपुर में ई रिक्शा के व्यवस्थित संचालन हेतु इसे तीन जीनों में बांटा गया था जिसमें थाना यातायात मालवीय चौक,यातायात थाना गढ़ा एवं यातयात थाना घमापुर के अनुसार वर्गीकरण करके नंबरिंग की गई थी। वर्तमान में क्षेत्रीय परिवहन कार्यालय में कुल 10,004 वाहन पंजीकृत हैं,वर्तमान में कलर कोडिंग फॉर्मूला संचालित नहीं है। ऐसे ई रिक्शा चालक जिनके पास लाइसेंस नहीं है अथवा नियम विरुद्ध पाए जाते हैं उन पर चालान किया जा रहा है जिसमें 1 जनवरी से अब तक 1027 वाहनों पर कार्यवाही करके 5,00,100 रूपये जुर्माना भी लगाया गया है।माननीय परिवहन मंत्री ने बताया कि जबलपुर में 69288 व्यवसायिक ई रिक्शा वाहनों पंजीकृत हैं तथा 2640 वैध परिवहन बैज धारक हैं माननीय परिवहन मंत्री ने स्पष्ट किया कि प्रशिक्षण के लिए शासन की कोई योजना नहीं है तथा शासक द्वारा मान्यता प्राप्त किसी भी संस्था से प्रशिक्षण प्राप्त किया जा सकता है, अगर कोई बिना लाइसेंस के संचालन करते हुए पाया जाता है तो उसके विरुद्ध चालान की कार्यवाही की जाएगी।