भोपाल* प्रदेश में स्कूली बच्चों के आधार कार्ड बनाने का काम अब स्कूलों में ही किया जाएगा। इसके लिए राज्य शिक्षा केंद्र ने भारतीय विशिष्ट पहचान प्राधिकरण (यूआईडीएआई) के साथ समन्वय करके आधार कार्ड बनवाने की व्यवस्था शुरू कराई है। आधार कार्ड बनाने का काम सोमवार 18 अगस्त से शुरू होगा।
सरकारी स्कूलों में छात्रों की सुविधा के लिए आधार नामांकन और अपडेट शिविर लगाये जाएंगे। इस अभियान का नाम विद्यार्थी के लिए आधार, अब विद्यालय के द्वार रखा गया है।
संचालक राज्य शिक्षा केन्द्र ने बताया कि 18 अगस्त से प्रारंभ होने वाला अभियान का पहला चरण मध्यप्रदेश के 40 जिलों में एक साथ शुरू होगा और एक से दो महीने तक चलेगा। आधार शिविरों की प्रभावशीलता को अधिकतम करने के लिए (यूआईडीएआई) ने जिलों में उन पिन कोड की पहचान की है, जहां सबसे ज़्यादा एमबीयू लंबित हैं। स्कूल शिक्षा विभाग ने मुख्य रूप से इन पिन कोड के अंतर्गत आने वाले सरकारी स्कूलों को शिविरों के लिए चुना है। शेष 15 जिलों में दूसरा चरण सितंबर 2025 के पहले सप्ताह में शुरू होगा।
अनिवार्य बायोमेट्रिक अपडेट पर बेस्ड है प्रोसेस
1- स्कूल शिक्षा विभाग की यह पहल मुख्य रूप से बच्चों के अनिवार्य बायोमेट्रिक अपडेट (एमबीयू) पर केंद्रित है।
2- इसमें बच्चों के आधार कार्ड में उंगलियों के निशान, आईरिस स्कैन और एक तस्वीर अपडेट करना शामिल है।
3- पहला अपडेट तब आवश्यक है जब बच्चा 5 वर्ष का हो जाए। पहला एमबीयू 5 से 7 वर्ष की आयु के बीच पूरा होने पर निशुल्क रखा गया है। विद्यार्थी की उम्र 7 वर्ष की आयु से अधिक होने के बाद शुल्क लागू होगा।
4- दूसरा एमबीयू तब आवश्यक है, जब विद्यार्थी 15 वर्ष का हो जाएगा।
5- तीसरा एमबीयू 15 से 17 वर्ष की आयु के बीच पूरा होने पर निशुल्क है, लेकिन 17 वर्ष की आयु के बाद शुल्क लागू होगा।
जरूरी हो गया बायोमैट्रिक्स आधार कार्ड
विभाग के अफसरों के अनुसार अपडेटेड बायोमैट्रिक्स वाला आधार कार्ड, स्कूल प्रवेश, प्रवेश परीक्षा, छात्रवृत्ति और डायरेक्ट बेनीफिट ट्रांसफर (डीबीटी) योजनाओं जैसी योजनाओं का लाभ लेने के लिए जरूरी है। इसीलिए सरकार विद्यार्थियों की आधार आईडी भी 100 प्रतिशत बनाने का लक्ष्य रख रही है।
आईडी विद्यार्थियों को उनके सभी शैक्षणिक क्रेडिट जैसे स्कोर कार्ड, मार्कशीट, ग्रेड शीट, डिग्री, डिप्लोमा, सर्टिफिकेट और सह-पाठ्यचर्या संबंधी उपलब्धियों को डिजिटल रूप से एकत्र करने, मैनेजमेंट और एक्सेस करने में मदद करती है। यह आईडी शिक्षा जगत में छात्र के लिए एक स्थायी डिजिटल पहचान के रूप में कार्य करती है। स्कूलों द्वारा आईडी बनाने के लिए उपयोग किए जाने वाले UDISE+ पोर्टल में दर्ज छात्र का नाम, आधार कार्ड में दर्ज नाम से मेल खाना चाहिए।
छात्रों के लिए फायदेमंद रहेगा अभियान
संचालक राज्य शिक्षा केन्द्र ने बताया कि विद्यार्थी के लिए आधार, ‘अब विद्यालय के द्वार’ अभियान के अंतर्गत बनेगा। सरकारी स्कूलों में आधार शिविर न केवल छात्रों को अपना अनिवार्य बायोमेट्रिक अपडेट करवाने में सुविधा प्रदान करेंगे बल्कि आवश्यक होने पर आधार में नाम सुधार, अपार आईडी बनाने के लिए और मोबाइल नंबर अपडेट के लिए भी उन्हें सुविधा प्रदान करेंगे।
उन्होंने कहा कि जिला प्रशासन को अपने-अपने जिलों में आधार शिविर योजना का प्रचार करने के लिए कहा गया है।