अगले माह होगा बिहार विस चुनाव की तारीखों का ऐलान! सत्ता में आने की लगी होड़

पटना। बिहार विधानसभा चुनाव की तारीखों का ऐलान संभवत: अगले माह अक्टूबर के पहले सप्ताह में हो सकता है। अनुमान ये भी लगाया जा रहा है कि बिहार में इस बार तीन नहीं बल्कि दो चरणों में ही विधानसभा चुनाव हो सकते हैं। चुनावों की तारीख जब घोषित होगी तब होगी लेकिन राजनैतिक दल सत्ता पर काबिज होने के लिए कोई मौका छोड़ना नहीं चाहते हैं। इसके लिए एनडीए गठबंधन और विपक्षी इंडिया गठबंधन के बीच मुकाबला होगा। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार जहां बीस साल से अधिक के शासन के बाद फिर से जनता का भरोसा जीतना चाहेंगे, वहीं विपक्ष बेरोजगारी, भ्रष्टाचार और वोट चोरी जैसे मुद्दों पर मोर्चा खोल चुका है।
इस चुनाव में सीएम नीतीश कुमार अपनी छवि और गठबंधन की ताकत पर भरोसा करेंगे। भाजपा के साथ मिलकर वे विकास और स्थिरता का संदेश देने की कोशिश करेंगे।वहीं राहुल गांधी वोट चोरी के मुद्दे को राष्ट्रीय स्तर तक ले गए हैं, लेकिन सर्वे बताते हैं कि बेरोजगारी और पलायन जैसे मुद्दों पर लोगों की चिंता कहीं ज्यादा है। तेजस्वी यादव इसी आधार पर अपनी राजनीति को धार दे रहे हैं। कांग्रेस नेता राहुल गांधी अपनी राज्यव्यापी यात्रा में लगातार वोट चोरीका आरोप लगा रहे हैं। दूसरी ओर आरजेडी नेता तेजस्वी यादव बेरोजगारी और कथित भ्रष्टाचार के मुद्दों पर अभियान चला रहे हैं। इस बार के चुनाव की एक खासियत यह है कि यह बिहार की पहली बड़ी राजनीतिक जंग होगी जो 2023 में नीतीश सरकार द्वारा कराए गए जातीय सर्वेक्षण के बाद लड़ी जा रही है।
दिलचस्प यह है कि अप्रैल 2025 में केंद्र सरकार ने भी राष्ट्रीय जाति जनगणना के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी। भाजपा लंबे समय तक इस मांग से दूर रही थी, लेकिन अब उसने इसे स्वीकार कर विपक्ष के प्रमुख हथियार को कमजोर करने की कोशिश की है। विश्लेषकों का मानना है कि यह कदम भाजपा को हिंदू एकजुटता की राजनीति और ओबीसी वर्ग में अपनी पकड़, दोनों को साधने का अवसर देगा। इतिहास गवाह है कि बिहार की राजनीति में जाति हमेशा निर्णायक कारक रही है और इस बार भी हालात अलग नजर नहीं आ रहे हैं। जातिगत आंकड़े और आरक्षण की राजनीति ने लड़ाई को और पैना कर दिया है। एनडीए को विपक्ष की तुलना में कोई खास नुकसान की आशंका नहीं है, बशर्ते वह अपने सवर्ण वोट बैंक को जन सुराज जैसे नए दल से सुरक्षित रख पाए।
वीरेंद्र/ईएमएस/21सितंबर2025