जबलपुर भारत कृषक समाज के अध्यक्ष इंजी. के के अग्रवाल ने एक जानकारी में बताया की सरकार ने प्रत्येक जिले मे कृषि विज्ञान केंद्र की स्थापना की है। जहाँ फसलों का अस्पताल और ओ पी डी भी उपलब्ध है । जैसे आम अस्पताल में ओ पी डी होती है, और और वहाँ आकस्मिक चिकित्सा सुविधाएं उपलब्ध होती हैँ व यहां शरीर की बीमारियों का इलाज होता है, ठीक इसी प्रकार कृषि विज्ञान केंद्र मे स्थापित कृषि अस्पताल मे भी फसलों की बीमारियों का इलाज होता है। यहां हर बीमाऱी व कृषि क्षेत्र के विशेषज्ञ, वैज्ञानिक, डॉक्टर तेनात रहते हैँ, सरकार इन्हे भारी भरकम तन्खाह देती है। हमें इनका लाभ जरूर लेना चाहिए।…
अग्रवाल ने बताया की इसी प्रकार कृषि विभाग का भारी भरकम अमला ग्रामीण क्षेत्र में पदस्थ है, किसान भाइयी को इनसे निरंतर सम्पर्क में रहकर अपनी समस्या का निदान और सलाह लेते रहना चाहिए।…
किसान भाइयो को सुझाव दिया गया है की वे जड़ से कुछ पौधे उखाड़ कर कृषि अस्पताल ( कृषि विज्ञान केंद्र ) में ले जाएँ और वहाँ वैज्ञानिको से मिलकर सलाह लेवें व तदानुसार उपाय करें। …
अग्रवाल ने चिंता व्यक्त करते हुए स्पस्ट किया की सामान्यतः किसान भाई दुकानदारों, एजेंटो की सलाह पर, या किसी के कहने पर उनके द्वारा बताई गई दवाईयों का उपयोग कब, कैसे और कितनी डोज देना है ? इसकी जानकारी किये बिना अपने मन से खेत में कर लेते हैँ । इस प्रयोग में वे कई बार नुकसान उठा बैठते हैँ । इससे किसानों को बचना चाहिए। किसान भाइयो को वैज्ञानिको व कृषि अधिकारियों की सलाह लेकर ही प्रतिष्ठित कंपनियों की, विश्वशनीय दुकानों से दवाएं, पक्के बिल के साथ खरीदकर, सही डोज व खेत में प्रयोग की विधि ठीक से समझ कर ही खेत में डालना चाहिए।
अग्रवाल के मुताबिक कृषि विज्ञान केंद्र जबलपुर मे पदस्थ कृषि वैज्ञानिको व जबलपुर जिले में तहसील स्तर पर पदस्थ कृषि अधिकारियों के फोन नंबर किसान भाइयो को सोसल मीडिया व प्रचार प्रसार के माध्यम से उपलब्ध कराये गये हैँ।