जबलपुर। साल का पहला और आखिरी खग्रास-चंद्रग्रहण आज पड़ रहा है| इसके पहले 14 मार्च को खग्रास को चंद्रग्रहण और 3 बार सूर्यग्रहण पड़ा, लेकिन यह ग्रहण विदेशो में देखे गए| आज रविवार भाद्रपद की पूर्णिमा पर खग्रास चंद्रग्रहण पड़ेगा। पूरे देश सहित मध्य प्रदेश व जबलपुर में भी यह ग्रहण देखा जायेगा।
खग्रास ग्रहण का स्पर्श 9 बजकर 57 मिनिट रात्रि में होगा और ग्रहण का मोक्ष 1 बजकर 26 मिनिट पर होगा, शतभिषा नक्षत्र और कुंभ राशि वालों के लिए ग्रहण अशुभ है|
ग्रहण का सूतक दोपहर 12 बजकर 57 मिनिट पर होगा| परंतु वृद्ध और रोगियों के लिए ग्रहण के तीन घंटे पूर्व 6 बजकर 57 मिनिट शाम से सूतक काल मानना चाहिए। ग्रहणकाल में मूर्ति स्पर्श और दर्शन दोनो नहीं किये जाते। लिहाजा दोपहर 12 बजे के बाद मंदिरों के पट बंद रहेंगे। तमाम मंदिरों में ग्रहणकाल को लेकर सूचनाएं प्रदर्शित कर दी गई थीं। ग्रहण मोक्ष के बाद रात्रि 1 बजकर 26 मिनिट के बाद दूसरे दिन सोमवार 8 सितंबर को मंदिरों में साफ सफाई और पूजन अर्चन होगा।
ज्योतिषाचार्य पं. पी.एल. गौतमाचार्य ने बताया कि ग्रहण शतभिषा नक्षत्र और कुंभ राशि पर प्रभावशाली रहेगा। सूतक काल दोपहर 12 बजकर 57 मिनिट पर प्रारंभ होगा और रात 1 बजकर 26 मिनिट तक रहेगा। ग्रहण कुंभ राशि पर आ रहा है इसलिए कुंभ राशि वालों को ग्रहण देखना वर्जित है। ग्रहण काल में मूर्ति स्पर्श, मूर्ति दर्शन वर्जित है। गृहस्थ में रहने वालों को सूतक वेध मनाना चाहिये।
ग्रहण का फल ……….
मेष लाभ, वृष सुख, मिथुन मान हानि, कर्क शारीरिक कष्ट, सिंह स्त्रीकष्ट, कन्या सुख शांति, तुला अशांति, वृश्चिक परेशानी, धनु धन लाभ, मकर हानि, कुंभ शत्रु भय, मीन के लिए हानिकारक फल देगा|
ग्रहण काल में क्या करें और क्या न करें………..
ग्रहणकाल में तंत्र मंत्र का पुनश्चरण, नए मंत्र की सिद्धी, तर्पण, श्राद्ध, जप, हवन इत्यादि किया जाता है| ग्रहणकाल के पहले स्नान करें, ग्रहण के मध्य मानसिक देव पूजन, जप, हवन, श्राद्ध तर्पण और ग्रहण की समाप्ति पर स्नानदान, तीर्थ स्नान, नदी, तालाब, सरोवर आदि पर स्नान करना चाहिए| ग्रहणकाल में मूर्ति स्पर्श, भोजन, शयन, आदि का निषेध है| जिन राशि वालों को ग्रहण अशुभ फलदायक है, उनको ग्रहण नहीं देखना चाहए| गर्भवती स्त्रियों को ग्रहण की छाया से बचना चाहिए| अनिष्ट शांति के लिए जप, हवन, गौदान, वस्त्रदान, आदि करना चाहिए|
मोक्ष ग्रहण के बाद नर्मदा के तट पर स्नान करने वालों की भीड़ उमड़ेगी। इसको लेकर घाटों पर सुरक्षा और यातायात व्यवस्था के व्यापक प्रबंध की आवश्यकता है।