(जबलपुर) डकैतो के नेपाल भागने की आशंका से बढ़ी चिंता,  खाली हाथ लौटीं पुलिस की टीमें  

जबलपुर। खितौला थाना क्षेत्र स्थित इसाफ स्मॉल फाइनेंस बैंक में 11 अगस्त को हुई करीब 15 करोड़ रुपये (14.8 किलो सोना और 5 लाख नकद) की डकैती को दस दिन से ज्यादा हो चुके हैं। जबलपुर पुलिस की पांच टीमें बिहार और झारखंड तक दबिश देकर लौट चुकी हैं, लेकिन अब तक न तो मुख्य आरोपी गिरफ्त में आए और न ही लूटा गया सोना बरामद हो पाया है। ऐसे में अब यह संभावना भी जताई जा रही है कि आरोपी बिहार के रास्ते नेपाल भाग सकते हैं, जिससे जांच और पेचीदा हो सकती है।

पुलिस सूत्र मान रहे हैं कि बिहार और झारखंड की दबिश में अपेक्षित सफलता इसलिए भी नहीं मिली क्योंकि राज्यों के साथ साथ जबलपुर पुलिस की टीमों के बीच समन्वय कमजोर रहा। कई बार स्थानीय पुलिस से समय पर सहयोग न मिलने के कारण आरोपियों तक पहुंचना मुश्किल हो गया। यही वजह है कि बदमाश पुलिस की पकड़ से लगातार फिसल रहे हैं।

जांच से जुड़े अधिकारियों का कहना है कि यदि आरोपी जल्द पकड़ में नहीं आते तो बरामदगी की संभावना घटती जाएगी। लूटा गया सोना आसानी से पिघलाकर बाजार में खपाया जा सकता है। देरी होने पर पुलिस के पास सिर्फ गिरफ्तारी रह जाएगी, लेकिन करोड़ों की बरामदगी मुश्किल होगी।

जेल में बनी प्लानिंग..

पुलिस ने अब तक रईस लोधी, सोनू वर्मन, हेमराज और विकास चक्रवर्ती को गिरफ्तार किया है। हालांकि, रईस लोधी को ही इस पूरी वारदात का मास्टरमाइंड माना जा रहा है। सूत्रों के अनुसार रईस की मुलाकात रायगढ़ जेल में एक्सिस बैंक डकैती के आरोपियों से हुई थी। वहीं पर डकैती की योजना बनी। जेल से बाहर आने के बाद रईस ने दूसरे राज्यों के शातिर बदमाशों से संपर्क साधा और खितौला डकैती को अंजाम दिया।

पुलिस के हाथ से बार-बार फिसलते डकैत

हालांकि कुछ गिरफ्तारियां हो चुकी हैं, लेकिन फरार आरोपी अब भी पुलिस की पकड़ से बाहर हैं। सूत्र बताते हैं कि इन फरार बदमाशों के बिहार और झारखंड में सक्रिय नेटवर्क हैं, जिससे उन्हें छुपने में मदद मिल रही है। यही वजह है कि पुलिस की टीमें बार-बार खाली हाथ लौट रही हैं।

आगे की रणनीति……….

पुलिस अफसरों का कहना है कि अब नेपाल कनेक्शन को भी गंभीरता से खंगाला जाएगा। अंतरराज्यीय एजेंसियों से सहयोग लेकर आरोपियों की लोकेशन ट्रैक करने की कोशिशें तेज की जा रही हैं। वहीं वरिष्ठ अधिकारी आने वाले दिनों में प्रेस कॉन्फ्रेंस कर अब तक की जांच की दिशा स्पष्ट कर सकते हैं।