जबलपुर। शहरवासियों को लंबे समय से जलभराव की समस्या से जूझना पड़ रहा है, लेकिन अब राहत की खबर है। भारत सरकार के राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण ने जबलपुर को बाढ़ नियंत्रण और रोकथाम परियोजना के लिए 222 करोड़ रुपये की स्वीकृति दी है। यह फंड चौथे चरण की नगरीय बाढ़ नियंत्रण योजना के अंतर्गत 11 चुने गए शहरों में जबलपुर को शामिल करने के बाद जारी किया गया है।
महापौर जगत बहादुर सिंह “अन्नू” और निगमायुक्त श्रीमती प्रीति यादव ने मंगलवार को आयोजित पत्रकारवार्ता में बताया कि यह राशि उनके संयुक्त प्रयास और सकारात्मक पहल का परिणाम है। महापौर ने दावा किया कि अगले 18 माह में शहर को स्थायी रूप से जलभराव की समस्या से मुक्त कर दिया जाएगा।
मास्टर प्लान के आधार पर होगा काम ….
महापौर ने बताया, इस योजना के तहत शहर में वर्षा जल निकासी के लिए विस्तृत सर्वे किया जाएगा। इसमें कंटूरिंग, 3डी एलिवेशन मॉडल और पिछले 50 वर्षों के वर्षा आंकड़ों का विश्लेषण शामिल होगा। इन आधारों पर “वर्षा जल निकासी मास्टर प्लान” तैयार कर कार्य किया जाएगा।
महापौर ने बताया जलप्लावन वाले क्षेत्रों में स्थित तालाबों का जीर्णोद्धार और अतिक्रमण हटाकर उनकी क्षमता बढ़ाई जाएगी। तालाबों के चारों ओर बाउंड्री वॉल और मैकेनिकल गेट लगाए जाएंगे। शहर में व्यापक स्तर पर रेन वाटर हार्वेस्टिंग और पारगम्य पेवर का काम होगा। शासकीय भवनों में वॉटर हार्वेस्टिंग सिस्टम स्थापित किए जाएंगे। बड़े नालों और उनसे जुड़े छोटे नालों व पुलियों का निर्माण। लो-लाइन एरिया में कृत्रिम तालाब और मोबाइल पम्पिंग स्टेशन की व्यवस्था। इसमें डीपीआर (विस्तृत परियोजना रिपोर्ट) बनाने के लिए 4 माह का समय और कार्य पूर्ण करने की 18 माह की समय सीमा तय है।
एसटीपी को मिली 5 स्टार रेटिंग……
पत्रकारवार्ता में महापौर और निगमायुक्त ने बताया कि जबलपुर के ललपुर और कठौंदा 32 एसटीपी को भारत सरकार के जल ही अमृत सर्वेक्षण 2025 में 5 स्टार रेटिंग प्राप्त हुई है। इसके आधार पर जबलपुर को 8 करोड़ रुपये का प्रोत्साहन भी मिला है। यह राशि दोनों एसटीपी को सौर ऊर्जा से संचालित करने पर खर्च की जाएगी। योजना के तहत करीब 1.5 मेगावाट क्षमता के सोलर पैनल लगाए जाएंगे, जिससे बिजली खर्च का 90 प्रतिशत हिस्सा कम किया जा सकेगा।