कजलियां’ पर्व पर समरसता का साक्षी बनेगा ‘हनुमानताल

समरसता सेवा संगठन’ रचेगा धर्म-संस्कृति का इतिहास

जबलपुर। आपसी सद्भाव और समरसता के प्रतीक कजलियां महापर्व के शताब्दियों से गवाह रहे हनुमानताल में इस बार कजलियों का वह आयोजन होगा, जो यादगार होगा ।
कजलियां पर्व के मूल उद्देश्य को साकार करने का बीड़ा  ‘समरसता सेवा संगठन’ ने उठाया है। संगठन का तीसरा कजलियां महा महोत्सव का आयोजन इस बार भी आगामी 10 अगस्त को अपरान्ह 1 बजे से 5 बजे तक हनुमानताल में होने जा रहा है।  इस महोत्सव की तैयारियां शुरू हो गई हैं। इस बार पिछले दो वर्षों की तुलना में और अधिक सामाजिक संगठनों की आयोजन में सहभागिता होगी।

कजलियों का पात्र वितरण  29 को …
चौरसिया दिवस  (नागपंचमी)
के कार्यक्रम में आगामी 29 जुलाई मंगलवार को गवारीघाट में होगा। इसके साथ ही आयोजन की तैयारियां प्रारंभ हो जाएंगी।

इस आशय की जानकारी  जगद्गुरु सुखानंद द्वाराचार्य स्वामी राघवदेवाचार्य   की उपस्थिति मे आयोजित पत्रकार वार्ता में संगठन के अध्यक्ष संदीप जैन, सचिव उज्जवल पचौरी ने दी। पत्रकारवार्ता में महाकौशल चेम्बर ऑफ़ कॉमर्स के अध्यक्ष श्री रवि गुप्ता, अग्रवाल महासभा अध्यक्ष  कैलाश अग्रवाल बब्बा, जैन पंचायत सभा अध्यक्ष  कैलाश चंद्र जैन, वरिष्ठ समाजसेवी  सुरेश सर्राफ नवरूप,  सीताराम सेन उपस्थित थे।

साहित्यक-सांस्कृतिक आयोजन –

विस्तृत जानकारी देते हुए अध्यक्ष श्री जैन ने बताया कि आयोजन में कजलियों की पारंपरिकता के साथ ही साहित्यिक और सांस्कृतिक छटा भी रहेगी ।
इस अवसर पर ‘सनातन संस्कृति में समरसता के प्रतीक पर्व कजलियों का महत्व’ विषय पर तीन वर्गों , माधमिक , उच्चतर माध्यमिक और महाविद्यालयीन वर्गों  के लिए निबंध प्रतियोगिता का आयोजन भी होगा।
इसके साथ ही 12 बर्ष तक के  बच्चों के लिए विविध वेशभूषा प्रतियोगिता का आयोजन भी होगा। महिलाओं की सहभागिता के लिए भी  पूजा की थाली सजाओ और हस्त निर्मित राखी प्रतियोगिता का भी आयोजन किया जा रहा है। वहीं जायकेदार व्यंजनों का लुत्फ भी रहेगा। आयोजन के वृहद स्परूप को देखते हुए व्यवस्था के तहत विविध समितियों का गठन किया जाएगा। बुंदेली-कजरी की धूम मचाने के लिए बुंदेलखंड के अति लोकप्रिय कलाकार जित्तू खरे को सम्मानित किया जाएगा ।
श्री जैन ने बताया कि पारंपरिक स्वादिष्ट और जायकेदार खान-पान की भी धूम रहेगी। वहीं जित्तू खरे एवं स्थानीय खातिलब्ध कलाकारों द्वारा आल्हा, लोकगीत गायन सहित पारंपरिक नृत्य की मोनमोहनी प्रस्तुति दी जाएगी।वहीं चाइल्ड जोन में बच्चों के आनंद के इंतेजाम किए जाएंगे।

अनेक संगठनों की सहभागिता ….

इसके अलावा कई व्यापारिक, सांस्कृतिक, शैक्षणिक संस्थाओं की सहभागिता भी रहेगी। आयोजन में शामिल संगठनों के प्रतिनिधि नागपंचमी के आयोजन में वितरित कजलियां पात्र में बोई गई कजलिया लेकर उपस्थित होंगे। जिनकी पूजन के उपरांत सभी ने एक दूसरे को कजलियोंं का आदान-प्रदान कर शुभकामनाएं प्रेषित करेंगे।