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जीएसटी घटने के बाद एंटी प्राफीटरिंग पोर्टल जरुरी, जनसंगठनों ने प्रदर्शन कर मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन सौंपा

जबलपुर। केंद्रीय उपभोक्ता मामले मंत्रालय ने जीएसटी से जुड़ी शिकायतों के लिए शुरू की गई कंज्यूमर हेल्पलाइन पर्याप्त नहीं है, क्योंकि उसे जीएसटी घटने के बाद भी सामान सस्ता न मिलने पर जांच कर दंडित करने का अधिकार नहीं है। अत: एंटी प्राफीटरिंग जांच की प्रक्रिया तथा पोर्टल शुरू की जाये।


इस मांग को लेकर नागरिक उपभोक्ता मार्गदर्शक मंच, भारतीय वरिष्ठ नागिरक एसोसिएशन, सीनियर सिटीजन वेलफेयर संघ, महिला समिति, मानव अधिकार क्रांति संगठन आदि के पदाधिकारियों ने घंटाघर के पास प्रदर्शन कर जिला प्रशासन के माध्यम से मुख्यमंत्री को ज्ञापन सौंपा।

डॉ. पी.जी. नाजपांडे ने बताया की जीएसटी के अन्तर्गत जांच करने वाली एंटी-प्राफीटरिंग एथॉरिटी को सनसेट प्रावधानों के तहत बंद कर दिया गया है। जीएसटी काउंसिल विवेक का उपयोग कर इसे शुरू कर सकती है। अत: प्रशासन जीएसटी काउंसिल से तत्काल तालमेल बैठाये।


इस अवसर पर टी.के. रायघटक, डी.के. सिंह, एड. वेदप्रकाश अधौलिया, सुभाष चंद्रा, गीता पांडे, सुशीला कनौजिया, संतोष श्रीवास्तव, पीयूष वर्मा, डी.आर. लखेरा, अशोक यादव, रवि भोमराह, एड. घनश्याम सोनकर, अशोक नामदेव, वंदना झारिया, उमा दहिया, कल्पना गोडेश्वर, कुंवर सिंह, अर्जुन कुमार, देव कुमार दुबे, एड. बृजेश साहू, यशवंत कोष्टा, बड़गैया, राममिलन शर्मा आदि उपस्थित थे।

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