जबलपुर। शारदेय नवरात्र पर्व आज से प्रारंभ हो रहा है, दुर्गोत्सव समितियां पूरे मनोयोग के साथ साज सज्जा और पूजन पाठ की तैयारियां कर चुकी हैं. अब उन्हें एक ही चिंता सता रही है की हनुमानताल इस साल अव्यवस्थित है. प्रतिमाओं के विसर्जन में कठिनाई का सामना करना पड़ेगा. सबसे मुख्य समस्या तालाब में पानी कम होना बताया जा रहा है.
विगत दिनों शांति समिति की कोतवाली संभाग की बैठक में कांग्रेस के विधायक लखन घनघोरिया ने जोरदारी से इस मुद्दे को उठाया था. जिसका सभी दुर्गोत्सव समितियों ने समर्थन करते हुये तालाब को पानी से भरे जाने की मांग की थी. गणेशोत्सव के दौरान भी यही समस्या थी. लेकिन गणेश उत्सव और दशहरा एवं भव्यता में काफी अंतर है. दुर्गोत्सव में विशाल प्रतिमाएं स्थापित की जाती हैं. जिनमें श्री वृहत महाकाली गढा फाटक, दुर्गोत्सव समिति खटीक मोहल्ला फूटाताल, तिलक दुर्गोत्सव समिति तिलक भूमि की तलैया प्रतिमाएं काफी भव्य होती हैं. कहा जा रहा है की तालाब में 3 से 4 फुट पानी है. पहले तालाब बारिश में भर जाता था और भोंगाद्वार से एक पाईप लाईन आकर तालाब में मिलती थी. जिससे तालाब में कभी पानी कमी नहीं होती थी. अब यह पाईप लाईन बंद हो चुकी है. इस साल काफी बारिश हुई, लेकिन तालाब नहीं भर पाया. जिसकी वजह थी की बारिश शुरु होने तक सफाई का काम चलता रहा और मलबा नहीं उठ पाया.
तालाब की पूरी खुदाई भी हो पाई और तालाब समतल नहीं हो पाया. मलबा वापस तालाब में पहुंच गया, जिसके कारण तलाब नहीं भर पाया. गणोत्शव में जैसे तैसे क्रेन की व्यवस्था करके विर्सजन कराया गया. लेकिन दुर्गोत्सव में अलग अलग घाटों पर अलग अलग प्रतिमाओं का विसर्जन होता है. ज्यादातर प्रतिमाएं घोड़ा नक्कास और पूर्व विधायक नरेश सराफ के घर के सामने वाले घाट पर विसर्जित होती हैं. लेकिन यहां पानी इतनी कम है की अंतिम सीढी भी दिख रही है. इस स्थिति में बड़ी बड़ी प्रतिमाओं को लेकर उतरना परेशानी का सबब बनेगा.
दुर्गोत्सव समितियों ने चिंता जाहिर करते हुये जिला कलेक्टर, नगर निगम आयुक्त से यह मांग की है की तालाब को टैंकरों से पानी पहुंचाकर भरवाया जाए. ताकी विसर्जन में परेशानी न आए.
आज से त्योहार चालू हो रहा है. ऐसे में टैंकरों से पानी पहुंचाकर तालाब को भरना प्रशासन के लिये चुनौतिपूर्ण कार्य होगा. क्षेत्रीय विधायक और महापौर से भी समितियों ने यह अपेक्षा की है की समय रहते व्यवस्था को सुनिश्चित किया जाए.